Nov 25, 2024
Nov 25, 2024
काली पैंट, सफेद कमीज़
थी उसको बहुत तमीज
बात - बात पर सवाल पूछे
थी उसकी लम्बी मूछे
थोड़े सफेद, थोड़े काले बाल
नाम है उसका गड़बड़ लाल
जब भी वह बाजार जाता
मेरे लिए आइस क्रीम लाता
खाना अच्छा बनाता था
लेकिन डांट भी खाता था
फेवरेट उसके चावल दाल
मेरा फ्रेंड गड़बड़ लाल
जाता था बाते वो भूल
लेकिन हमेशा रहता कूल
सुबह सुबह अंदर आता
दादा के फिर पैर दबाता
फुर्ती से सब करता धमाल
हमारा प्यारा गड़बड़ लाल
Very well composed. Keep it up my dear Aanvi. |
It is such an interesting poem that keeps the reader just attached to it until the end. Lil Einstein, u always make the reader smile after reading ur poems, articles, or stories. Each one is a masterpiece. I am waiting to read more of interesting piece of writeups. Keep shinning and spreading smiles. |
Absolutely amazing by baby! It is such a cute poem that brings a big smile to the readers face. Keep writing and shinning. |