Apr 19, 2025
Apr 19, 2025
सफ़ेद रंग की साड़ी पहनकर
घर के बाहर आंटी आई
भागे-भागे निकले हम
और अपनी पिचकारी चलाई
लाल रंग लगाया हमने,
आंटी बानी टमाटर
लाये हम एक बाल्टी
जिस मे नीले रंग का वाटर
उसके साथ नीला रंग लगाया
अंकल चिल्लाये "आह!"
"क्या किया है तुमने?"
हम चिल्लाये, "वाह!"
भागे हम घर के अंदर
मीठी-मीठी गुजिया खाई
पीछे मुड़ के देखा हमने,
पिचकारी हम पर चलाई
अंकल-आंटी थे पीछे
"ओह" मेरी दोस्त घबराई
"क्या हुआ?" पूछी माँ
भागे-भागे पीछे आई
मुझे पसंद यह त्योहार
आता साल में एक बार
मस्ती करे बच्चो की टोली,
सबसे बोली हैप्पी होली!
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Your sentence sequence is smooth and expressive. Love your beautiful and extremely detailed fun Holi poem. So proud of you dear Aanvi . Keep shining . |
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Very nice. Happy Holi. |